युग कितने हैं तथा आत्मा किस युग में कितनी बार ज न्म लेती है! (Yug Kitne Hote Hai tatha Aatma Kis Yug me Kitni Baar Janam leti Hai!)

Desde tiempos inmemoriales, la humanidad ha tratado de comprender el misterio de la existencia y el ciclo interminable de la vida y la muerte. Una de las preguntas más fascinantes que nos hemos planteado es ¿cuántos «yugas» han pasado y cuántas veces ha renacido el alma? Los «yugas», según la antigua filosofía hindú, son períodos de tiempo que marcan la evolución de la humanidad. En este artículo, nos sumergiremos en el fascinante mundo de los yugas y la reencarnación del alma. ¿Estás listo para descubrir los secretos ocultos en el transcurso del tiempo? ¡Acompáñanos en este viaje!

सनातन धर्म और कालचक्र के अनुसार एक समय अवधि होत ी है जिसमें भूतकाल, वर्तमान काल तथा भविष्य काल ह ोते हैं। यह क्रमश:, “सतयुग”, “त्रेतायुग”, “द्वापरयुग” y “कलियु ग” हैं, इन 4 धार्मिक युगों के चक्र को “चतुर्युग” कहत े हैं।

महर्षि व्यास जी के अनुसार सतयुग, त्रेतायुग, द्व ापरयुग, और कलयुग इन सब को मिलाकर होते है कुल चार युग। जो ईश्वर के बारह हजार दिव्य वर्षों को मिलाकर बन ते हैं। कहने का तात्पर्य यह है कि यह चारों युग एक जैसे ह ी होते है। युगों में सबसे पहले आता है सतयुग और आखिरी में ब ारी आता है कलयुग का।

क्या आपको पता है कि हर युग में ईश्वर का जन्म जरू र होता है। यदि आप नही जानते तो आपके जानकारी के लिए बता दें कि मान्यताओं के अनुसार कलयुग हो या सतयुग या फिर द्वापरयुग ही क्यों न हो हर युग में किसी न किसी ईश ्वर का जन्म अवश्य होता है।

मान्यता तो यही है लेकिन क्या आपने कभी सुना है क ि कौन से युग में मनुष्य का जन्म कितनी बार होता है । कई लोगों को तो मालूम ही नहीं होगा कि एक युग में म नुष्य का जन्म कई बार होता है। यदि आप इन सभी चीजों के बारे में नहीं जानते तो को ई बात नहीं आपके लिए हमारा यह पोस्ट काफी महत्वप.ू र ्ण होने वाला है। आइये जानते है कि मनुष्य किस युग में कितनी बार ज न्म लेता है।

मनुष्य No जन्म Sí:

No महत्वपूर्ण :

सतयुग में ही में प्रभु श्री राम जी ने लंकापति र ावण का वध करने के लिए ही जन्म लिया है। कहा जाता है कि जब धरती पर रावण के पापों का घड़ा भ र गया था तब सतयुग में श्री राम जी को ही रावण का वध करने के लिए जन्म लेना पड़ा।

जानकारी के अनुसार, सतयुग में आत्माओं का वास हुआ करता था धरती पर। जैसा कि हम जानते है कि जब कोई जन्म लेता है तो उसक ी मृत्यु भी होना अनिवार्य है। ठीक ऐसे ही समय का अंत भी होना निश्चित है। कहा जाता है कि सतयुग में एक व्यक्ति एक वर्ष में लगभग एक लाख वर्ष तक जीवित रह सकते थे।

लेकिन अद्भुत बात तो यह है कि उस समय लोगों का कद ल 32 meses antes del lanzamiento इस युग में लोगों को इच्छामृत्यु का वरदान प्र ाप ्त था अर्थात कोई भी मनुष्य अपनी इच्छा से किते भी .दा नों तक जी सकता था। यह बात थोड़ी अजीब है पर सत्य है।

त्रेतायुग No महत्वपूर्ण :

हिंदू धर्म के अनुसार प्रभु श्री राम यानी की भगव 10 días antes del fin de semana भी अवगत है। Pero, ¿qué está pasando? शायद आप ये नहीं जानते होंगे या ये कह सकते है की आ ज तक यह एक ऐसा रहस्यमयी बात बनकर रह गया है जिसके बारे में शायद ही किसी को पता होगा।

वैसे देखा जाए तो रामि no es fácil जी हां आप चाहें तो कई अलग अलग ग्रंथों में भी इसक े बारे में पता कर सकते हैं। रामायण में आपने गौर किया होगा कि जब माता सीता क े चरित्र पर सवाल उठाए जा रहे थे और माता सीता बा.र ार परीक्षा दे दे कर थक गई तो उन्होंने धरती में स म ाने का निर्णय लिया।

जी हां माता सीता धरती में समा गई जिसके पश्चात प ्रभु श्री राम जी ने भी अपना सारा राजपाट सौंप कर स रयू नदी में जाकर समाधि ले लिया था। देखा जाए तो इन चारों युग में कहा जाता है कि एक ही प्रभु है जो हर युग में अमर रहे। ¿Por qué no es así? यदि नहीं तो आपको बता दें कि प्रभु हनुमान जी ही ए क ऐसे ईश्वर है जो हर युग में अमर है। Más de 4,32.000 dólares americanos, más de 4,32.000 dólares americanos Más de 10.000 euros más de 10.000 euros

द्वापरयुग No महत्वपूर्ण :

86 4000 वर्षों का होता ग्रंथों के अनुसार इस युग में प्रत्येक व्यक्ति एक हजार वर्ष तक जीवित रह सकते थे। कहा जाता है कि जैसे जैसे धरती पर लोगों का पाप का घड़ा बढ़ता जाएगा वैसे वैसे धरती पर लोगों की जीन े की आयु भी घटती जाएगी।

प्रभु हनुमान जी के अनुसार द्वापर युग में लोग भक ्ति की दिशा से भटक गए थे। » द्वापरयुग में प्रभु हनुमान जी ने पाण्डु पुत्र भीम को चारों युगों के बारे शिक्षा दी थी, तथा किस य ुग में क्या क्या हुआ था और होगा यह भी बताया था।

कलयुग No महत्वपूर्ण :

क्या आप जानते है कि कलयुग में एक मनुष्य का जन्म कितनी बार होता है, यदि नहीं तो आपके जानकारी के लि ए आपको बता दें कि कलयुग में एक मनुष्य का जन्म लगभ 45 días al día y 100 días a la semana. कहो नष ्ट कर देते है और वे पाप का पात्र बन जाता है।

इसके अलावा शास्त्र अनुसार कलयुग के अंत में भगव ान विष्णु कल्कि का अवतार लेंगें। साथ ही ग्रंथों में यह भी लिखा गया है कि एक ब्राह ्मण के घर भगवान श्री कृष्ण का जन्म होने वाला है। भगवान जी इस कलयुग में घोड़े पर सवार होकर सभी दु ष्टों का विनाश करने वाले है।कलयुग में भगवान कल् कि धरती पर केवल तीन ही दिनों में सभी दुष्टों का स र्वनाश कर देंगे। माना जाता कि इस समय धरती पर काफी जोरदार वर्षा ह ोगी। जिससे हर तरफ जल बहाव का ही मंजर नजर आने लगेगा। लेकिन कलयुग में एक साथ बारह सूर्य उदय होने पर स ारा का सारा जल सुख भी जाएगा।

Error 403 The request cannot be completed because you have exceeded your quota. : quotaExceeded

Deja un comentario

¡Contenido premium bloqueado!

Desbloquear Contenido
close-link