सनातन धर्म ग्रंथों के पन्नों को पलट कर देखा जाय े तो कई नारियों की जीवनगाथा पढ़कर आप काफी आस्चर ्यचकित हो उठेंगे और उनके व्यक्तित्व से प्रभाव.ि र भी होंगें। सनातन धर्म की नीवं रखने में और सत्य तथा परोपकार की आस्तित्व को बनाये रखने में इन नारियों का बहु त बड़ा योगदान है। आज हम ऐसी ही एक नारी की जीवन गाथा पर प्रकाश डालन े वाले है, जिनका नाम तो हर सनातनी जानता है पर उनक े कर्म से शायद कुछ लोग ही वाकिफ होंगे। हम बात कर रहे है “मंदोदरी” की।
आज हम जानेंगे मंदोदरी कौन थी? मंदोदरी किसकी पुत्री थी तथा रावण और मंदोदरी का विवाह कैसे हुआ था? Esto es lo que significa:
La respuesta es:
असुरराज रावण की पत्नी मंदोदरी, जिनकी पवित्रता और धार्मिक व्यक्तित्व का गुण गान करते है हमार.े ध र्मशास्त्र। रावण की पत्नी होने के बावजूद भी देवी सीता की रक ्षा करना और उन्हें सत्य की मार्ग पर चलने की सलाह देने वाली पंच कन्याओं में से एक है मंदोदरी।
मंदोदरी कौन थी?
सनातन धर्म ग्रंथ रामायण के अनुसार, लंकापति राव ण की धर्मपत्नी थी मंदोदरी। मंदोदरी एक पवित्र, पतिव्रता, और धार्मिक स्त्री थी। देवी मंदोदरी को सनातन धर्म के पंच कन्याओं में स ्थान प्राप्त है जिनके नाम के स्मरण मात्र से ही म नुष्यों के पाप धूल जाते हैं। हिन्दू धर्मग्रंथ रामायण में दानव राज रावण के प ्रति उनकी सच्ची प्रेम और निष्ठा की अपार प्रशंसा की गई है। रामायण के एक संस्करण में इस बात का उल्लेख किया गया है कि रावण के मरने के बाद के बाद, प्रभु श्रा. .रा म की सलाह पर रावण का छोटा भाई विभीषण मंदोदरी से व िवाह करता है।
मंदोदरी किसकी पुत्री थी ?
मंदोदरी दानवराज मायासुर और स्वर्ग की अप्सरा ह ेमा की पुत्री थी।
मंदोदरी काप्रारम्भिक:
रामायण के “उत्तरकांड” में इस बात का उल्लेख किया गया है कि दानव राज मायासुर ने जब स्वर्ग का दौरा क िया, तब देवताओं ने उन्हें अप्सरा हेमा दी थी। मायासुर और अप्सरा हेमा के दो बेटे, मायावी और दु ंदुभी तथा एक बेटी थी मंदोदरी। कुछ समय बाद, अप्सरा हेमा वापस स्वर्ग लौट गयी तथ ा मंदोदरी और उनके भाई अपने पिता के साथ ही रहने लग े।
Mi nombre es:
मंदोदरी के जन्म और उससे जुड़ीं बातों को लेकर बह ुत मतान्तर है। तेलुगु पाठ में सम्मिलित उत्तर रामायण में इस बा Más información त की अप्सरा हेमा के साथ हुआ। बाद में, मायासुर और हेमा के दो पुत्र हुए: मायावी तथा दुंदुभी, लेकिन, मायासुर और हेमा एक बेटी के ल िए सदैव ही तरसते रहते थे, इसलिए वो दोनों भगवान शि व शंकर की पूजा करते थे और उनकी आ िन तपस्या करना भी शुरू कर देते हैं।
इस बीच थिति में भगवान शिव के निवास स्थान अर्थात कैलाश पर्वत उन्हें श्रद्धांजलि देने जाती है। जब देवी पार्वती वापस कैलाश पर आती हैं, तो उन्हे ं मधुरा के शरीर पर राख अर्थात भस्म के निशान मिइ. हैं। यह देख माता पार्वती अत्यधिक क्रोधित हो उठती है और क्रोध वश माता पार्वती ने अप्सरा य ाप दे दिया और उसे बारह वर्षों के लिए मेंढक बना दि या। मेंढक के रूप में मधुरा कुएं में रहने लगी। लेकिन, भगवान शिव ने अप्सरा को यह आशीर्वाद दिया कि मेंढक वाली श्राप उतरने के बाद मधुरा एक अति सु दर और धार्मिक स्त्री बनेगी तत हान बलशाली पुरुष स े होगा। बारह वर्षों के बाद, मेंढक वाली श्राप से मधुरा ए क सुन्दर और धार्मिक नारी में बदल जाती है और वो कु एं में रहकर जोर-जोर से चिल्लाती है। Ese no es el caso, pero ese no es el caso. े है और मधुरा को कुवें से बहार निकालते है तथा उस े अपन ी पुत्री के रूप में अपनाते है। यही मधुरा आगे चलके मंदोदरी के नाम से जानी जाती है और उसका विवाह असुरराज रावण से होता है ।
La respuesta es:
सनातन प्राचीन ग्रंथों के अनुसार एक बार दानव रा ज रावण, मायासुर के घर जाता है और वहां उसे मंदोदरी Más información ति रिवाज से हो जाती हा विवाह उप रांत मंदोदरी और र ावण की तीन संताने हुई । उनके नाम इंद्रजीत यानी की मेघनाथ, अक्षय कुमार औ र अतिकाय था। Más de 9 km de longitud पे मूल स्थान के रूप में ज ाना जाता है। यहीं के कुछ स्थानीय ब्राह्मणों के मतानुसार रा Más información य हाँ पर एक मंदिर की निर्माण भी कराइ गयी थी जो आज. ी यहाँ पर स्थित है।
असुरराज रावण में कई दोष थीं पर फिर व पने पति रावण से बहुत प्रेम करती थी। मंदोदरी इस बात से अवगत थी की रावण के मन में स्त् रियों के प्रति कमजोरी है। लेकिन एक धार्मिक और पतिव्रता स्त्री होने के का Más información की सलाह और प्रेरणा देती थी। मंदोदरी सदैव रावण को यह सलाह देती थी की वो नवग् रहों की पूजा करे क्योंकि यही वो नौ खगोलीय शक्ति वो ै जो किसी भी जीव या जातक के भाग्य को नियंत्रित कर सकते थे है।